ॐ ह्रीं ऎं क्लीं श्री बगलानने मम रिपून नाशय नाशय ममैश्वर्याणि देहि देहि शीघ्रं मनोवान्छितं साधय साधय ह्रीं स्वाहा । गुग्गुल घृत होमै जो कोई। तेहि के वश में राजा होई।। पठेदिदं हि कवचं निशायां नियमात् तु यः। सबसे पहले अपने गुरु , गणेश जी एवं भैरव जी का ध्यान https://www.instagram.com/tantramantraaurvigyaan/reel/DA6ACEaONEJ/
Baglamukhi Fundamentals Explained
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